World Sight Day: नेत्र रोगों में “साइलेंट” समस्याएं समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और उम्र से जुड़ी मैक्युलर डिजेनरेशन जैसी स्थितियाँ अक्सर लक्षण दिखाए बिना बढ़ती रहती हैं और देर होने पर स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकती हैं। नियमित आई चेकअप से इन रोगों का समय पर पता चल सकता है और उचित इलाज संभव हो पाता है।
बच्चों में नेत्र परीक्षण का महत्व
बच्चों की दृष्टि पर ध्यान न देना उनके विकास और सीखने की क्षमता पर असर डाल सकता है। नियमित नेत्र परीक्षण से विज़न डिफेक्ट, तिरछापन या “लेज़ी आई” जैसी समस्याओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जिससे समय रहते उपचार संभव हो और बच्चे स्वस्थ दृष्टि के साथ आगे बढ़ सकें।
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वयस्कों में समय पर स्क्रीनिंग जरूरी
40 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में नियमित नेत्र परीक्षण प्रेस्बायोपिया, कैटरेक्ट और अन्य उम्र संबंधित समस्याओं का समय पर निदान करने में मदद करता है। समय रहते उपचार करने से दृष्टि की हानि को रोका जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बनी रहती है।
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वर्ल्ड साइट डे: “लव योर आइज़” थीम
हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाने वाला वर्ल्ड साइट डे इस बार “लव योर आइज़” थीम के साथ है। यह वैश्विक स्तर पर याद दिलाता है कि आंखें हमारे सबसे अनमोल इंद्रियों में से हैं और इन्हें सुरक्षित रखने के लिए निरंतर देखभाल आवश्यक है। सेंटर फॉर साइट ने इस अवसर पर अर्ली डायग्नोसिस और एक्टिव आई केयर के महत्व को दोहराया।
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कैटरेक्ट और आधुनिक सर्जरी तकनीकें
सेंटर फॉर साइट के चेयरमैन डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने बताया कि 50 वर्ष से अधिक आयु में कैटरेक्ट सबसे आम दृष्टि हानि का कारण है। आधुनिक ब्लेडलेस फेमटोसेकंड लेज़र-असिस्टेड कैटरेक्ट सर्जरी ने उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जो तेज़, सुरक्षित और सटीक है। लेज़र तकनीक केवल 10 सेकंड में कैटरेक्ट को टुकड़ों में विभाजित कर निकाल देती है, जिससे रिकवरी तेज़ और आसान होती है।
LASIK और लेज़र विज़न करेक्शन में नवीनतम तकनीकें
AI-सक्षम आई-ट्रैकिंग सिस्टम और हाई-स्पीड लेज़र्स से संचालित नवीनतम LASIK और लेज़र विज़न करेक्शन तकनीकें दृष्टि सुधार में अभूतपूर्व सटीकता और सुरक्षा प्रदान करती हैं। ये तकनीकें व्यक्तिगत नेत्र देखभाल में नए मानक स्थापित करती हैं और सुरक्षित, प्रभावी परिणाम सुनिश्चित करती हैं।
उन्नत उपकरण और विशेष सेवाएं
सेंटर फॉर साइट समूह में ब्लेडलेस LASIK, SMILE तकनीक, फेमटोसेकंड लेज़र-असिस्टेड कैटरेक्ट सर्जरी, Optical Coherence Tomography (OCT), रेटिनल लेज़र, इंट्राविट्रियल इंजेक्शन, न्यूनतम इनवेसिव ग्लूकोमा सर्जरी, कॉर्नियल क्रॉस-लिंकिंग, पेडियाट्रिक ऑप्थैल्मोलॉजी और एडवांस्ड कॉर्नियल ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हर आयु वर्ग के लिए पूर्ण नेत्र देखभाल की यह श्रृंखला अनूठी और सुरक्षित है।
नेत्र देखभाल को अपनी दिनचर्या बनाएं
इस वर्ल्ड साइट डे पर सेंटर फॉर साइट सभी लोगों से अपील करता है कि वे अपनी आंखों को प्राथमिकता दें और नियमित नेत्र जांच को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। आज की की गई नेत्र देखभाल आने वाले कल के स्वतंत्र, उत्पादक और गुणवत्तापूर्ण जीवन में निवेश के समान है।
Source: https://royalbulletin.in/