विषयसूची
- LASIK क्या है और यह कैसे काम करता है?
- कंटूरा विज़न सर्जरी क्या है?
- Contoura Vision बनाम पारंपरिक LASIK
- कॉन्टूरा विज़न के लाभ
- क्या हर व्यक्ति Contoura Vision के लिए उपयुक्त है?
- निष्कर्ष
- प्रश्नोत्तर
आजकल आंखों का चश्मा पहनना हर उम्र के लोगों के लिए आम बात हो गई है। किसी को दूर की चीज साफ नहीं दिखती, किसी को पास की, तो किसी को रोशनी के चारों ओर धुंधले घेरे (halos) या चमक (glare) की समस्या रहती है। ऐसे में लोग चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का सहारा लेते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि हर कोई चाहता है कि आंखें बिना किसी सहारे के साफ और स्पष्ट दिखें। इसी चाह ने लेज़र तकनीकों को जन्म दिया।
शुरुआत में LASIK Surgery आई, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी आसान बना दी। इसके बाद तकनीक और भी आगे बढ़ी और सामने आया Contoura Vision – जिसे “LASIK से बेहतर तकनीक” कहा जाने लगा। अब सवाल उठता है कि क्या यह सच में कंटूरा विज़न LASIK से ज्यादा असरदार और सुरक्षित है? और क्या हर मरीज इसके लिए उपयुक्त है? इस लेख में हम इन्हीं बातों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
LASIK क्या है और यह कैसे काम करता है?
LASIK का नाम शायद आपने कई बार सुना होगा। यह दुनिया की सबसे ज्यादा की जाने वाली लेज़र आंखों की सर्जरी है। इसकी मदद से मुख्य रूप से तीन तरह की दृष्टि समस्याओं का इलाज किया जाता है –
- मायोपिया (नज़दीक की नज़र कमज़ोर होना)
- हाइपरोपिया (दूर की नज़र कमज़ोर होना)
- एस्टिग्मैटिज़्म (कॉर्निया या लेंस के असमान आकार से होने वाली धुंधली दृष्टि)
प्रक्रिया कैसे होती है?
- सबसे पहले कॉर्निया पर एक पतली फ्लैप बनाई जाती है।
- लेज़र की मदद से कॉर्निया की मोटाई और आकार को बदला जाता है ताकि रोशनी सीधे रेटिना पर गिरे।
- अंत में फ्लैप को वापस उसी जगह पर रख दिया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया में दर्द लगभग नहीं होता और सर्जरी का समय भी सिर्फ 10–15 मिनट का होता है। नतीजा यह होता है कि चश्मे पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाती है।
LASIK की खासियत:
- सुरक्षित और तेज़ प्रक्रिया
- 24–48 घंटे में सामान्य जीवन शुरू किया जा सकता है
- ज़्यादातर मामलों में चश्मा पूरी तरह हट जाता है
लेकिन, इसमें कुछ सीमाएं भी हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी की कॉर्निया बहुत पतली है, या आंखों में हल्की अनियमितताएं (irregularities) हैं, तो पारंपरिक LASIK हर बार उतनी परफेक्ट दृष्टि नहीं दे पाता।
कंटूरा विज़न सर्जरी क्या है?
- यह एक टोपोग्राफी-गाइडेड LASIK तकनीक है।
- इसमें मशीन आपकी आंख की सतह के 22,000 से ज्यादा बिंदुओं (points) की मैपिंग करती है।
- इन डाटा पॉइंट्स के आधार पर लेज़र को बिल्कुल व्यक्तिगत (personalized) ढंग से गाइड किया जाता है।
यानी दो आंखों का इलाज बिल्कुल एक जैसा नहीं होता। हर मरीज को उसकी आंख के अनुसार “पर्सनलाइज्ड लेज़र विजन करेक्शन” मिलता है।
इसकी खासियतें:
- सिर्फ पावर सुधारना ही नहीं, बल्कि कॉर्निया की बारीक अनियमितताओं को भी ठीक करना
- दृष्टि की गुणवत्ता (vision quality) और भी ज्यादा साफ और नैचुरल होना
- रात में गाड़ी चलाते समय चमक या glare की परेशानी काफी कम होना
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए दो लोगों का चश्मे का नंबर बिल्कुल एक जैसा है। पारंपरिक LASIK दोनों की आंखों को लगभग समान तरीके से ट्रीट करेगा। लेकिन Contoura Vision उनकी आंखों की सतह की अनियमितताओं को अलग-अलग पहचानेगा और उसके हिसाब से इलाज करेगा। यही वजह है कि इसे आजकल LASIK से बेहतर तकनीक कहा जाता है।
Contoura Vision बनाम पारंपरिक LASIK
अब सवाल आता है – आखिर Contoura Vision और पारंपरिक LASIK Surgery में फर्क क्या है? दोनों ही लेज़र तकनीकें हैं, लेकिन उनका काम करने का तरीका अलग है। आईये समझते है LASIK बनाम Contoura को।
| फीचर | पारंपरिक LASIK | Contoura Vision |
| तकनीक | Prescription पर आधारित | Corneal Topography पर आधारित |
| डाटा पॉइंट्स | सीमित | 22,000+ |
| विज़न क्वालिटी | अच्छा | और अधिक शार्प और नैचुरल |
| HOAs सुधार (Higher Order Aberrations) | सीमित | बेहतर नियंत्रण |
सरल शब्दों में कहें तो LASIK आपकी चश्मे की पावर को देखकर इलाज करता है। लेकिन Contoura Vision उससे एक कदम आगे जाकर आंख की सतह की सूक्ष्म अनियमितताओं को भी पहचान लेता है और उन्हें सुधारता है।
इसका असर आपको रोज़मर्रा की जिंदगी में दिखेगा। उदाहरण के लिए –
- रात में गाड़ी चलाते समय स्ट्रीट लाइट्स के चारों ओर धुंधले घेरे (halos) कम होंगे।
- पढ़ाई या कंप्यूटर स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करना आसान लगेगा।
- दृष्टि पहले से ज्यादा साफ और नैचुरल लगेगी।
कॉन्टूरा विजन के लाभ
अब बात करते हैं उन फायदों की जो Contoura Vision को खास बनाते हैं।
- दृष्टि की स्पष्टता में सुधार (HD Vision): जहां LASIK आपको सामान्य स्पष्टता देता है, वहीं Contoura Vision आपकी नजर को और भी ज्यादा तेज़ और हाई डेफिनिशन जैसी बना देता है।
- चौंधानेवाला प्रकाश और रात्रि दृष्टि समस्याओं से राहत: LASIK के बाद कई बार मरीजों को रात में रोशनी के चारों ओर चमक या हेलोस दिखाई देते हैं। Contoura Vision इस समस्या को काफी हद तक कम कर देता है।
- अधिक सटीक और अनुकूलित इलाज: हर आंख अलग होती है। Contoura Vision उस भिन्नता को समझकर इलाज करता है। इसे आप “अनुकूलित चश्मा हटाने का तरीका” भी कह सकते हैं।
- चश्मे पर निर्भरता लगभग समाप्त: ज़्यादातर मरीजों को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत नहीं रहती। यहां तक कि जिनका नंबर बहुत ज्यादा होता है, उन्हें भी काफी राहत मिलती है।
इन सब कारणों की वजह से लोग Contoura Vision को “LASIK से बेहतर तकनीक” मानने लगे हैं।
क्या हर व्यक्ति Contoura Vision के लिए उपयुक्त है?
यहां ध्यान देने वाली बात है कि Contoura Vision हर किसी के लिए सही विकल्प नहीं है। सर्जरी से पहले आंखों की विस्तृत जांच बेहद जरूरी है। प्रारंभिक जांच में शामिल हैं:
- कॉर्निया की मोटाई की जांच
- कॉर्नियल टोपोग्राफी (कॉर्निया की सतह की मैपिंग)
- आंख की पावर और रेटिना की स्थिति
कब LASIK या SMILE ज्यादा बेहतर हो सकती है?
- अगर कॉर्निया बहुत पतली है, तो पारंपरिक LASIK या SMILE Surgery ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है।
- अगर आंखों में कोई और गंभीर समस्या है, तो डॉक्टर कभी-कभी Contoura Vision के बजाय दूसरा विकल्प चुनते हैं।
यानी, Contoura Vision बेहतरीन विकल्प है, लेकिन यह निर्णय आंखों की जांच और डॉक्टर की सलाह पर ही निर्भर करता है।
निष्कर्ष
Contoura Vision और पारंपरिक LASIK Surgery के बीच तुलना करने पर यह साफ हो जाता है कि Contoura Vision तकनीक ज्यादा एडवांस्ड और पर्सनलाइज्ड है। जहां LASIK सामान्य दृष्टि सुधार प्रदान करता है, वहीं Contoura Vision आपकी आंख की सतह को 22,000 से अधिक बिंदुओं पर मैप करके और बारीकी से सुधार करता है। यही वजह है कि इसे कई बार “LASIK से बेहतर तकनीक” कहा जाता है।
सबसे अहम है कि आप किसी अनुभवी नेत्र विशेषज्ञ से अपनी आंखों की जांच करवाएं और फिर उनकी सलाह के अनुसार सही विकल्प चुनें। याद रखिए – हर आंख अलग होती है, इसलिए सर्जरी भी उतनी ही व्यक्तिगत होनी चाहिए।



