स्माइल सर्जरी (SMILE): चश्मा हटाने की नवीनतम और सुरक्षित तकनीक

SMILE सर्जरी

Table of Contents

  1. SMILE सर्जरी क्या है?
  2. SMILE सर्जरी कैसे काम करती है?
  3. SMILE बनाम LASIK: क्या फर्क है?
  4. किन मरीजों के लिए SMILE उपयुक्त है?
  5. SMILE सर्जरी की प्रक्रिया और रिकवरी
  6. निष्कर्ष
  7. प्रश्नोत्तर

 

आजकल नज़र का चश्मा केवल आंखों की ज़रूरत नहीं रह गया है, बल्कि बहुत लोगों के लिए परेशानी का कारण भी बन चुका है। लंबे समय तक चश्मा पहनना या मोटे लेंस की वजह से परेशानी, बार-बार धुंधलापन या धूल-पसीने से लेंस गंदे हो जाना – ये सब रोज़मर्रा की दिक्कतें हैं। ऐसे में लोगों के मन में सबसे पहला सवाल आता है – क्या कोई ऐसी चश्मा हटाने की तकनीक है जो सुरक्षित और स्थायी हो?

पहले के समय में लोग लेज़र आई सर्जरी जैसे LASIK Surgery के विकल्प चुनते थे। लेकिन आज विज्ञान ने और भी उन्नत तकनीकें विकसित की हैं। इन्हीं में से एक है SMILE सर्जरी (Small Incision Lenticule Extraction), जो कम चीरे, बिना फ्लैप और अधिक सुरक्षित के कारण बेहद लोकप्रिय होती जा रही है। यह आधुनिक प्रक्रिया खासकर उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो LASIK से जुड़ी आशंकाओं या सीमाओं की वजह से सर्जरी करवाने से झिझकते थे।

आगे हम विस्तार से समझेंगे कि SMILE सर्जरी वास्तव में क्या है, यह कैसे काम करती है और इसमें LASIK की तुलना में क्या फर्क हैं।

SMILE सर्जरी क्या है?

SMILE सर्जरी का पूरा नाम है – Small Incision Lenticule Extraction। यह एक नई और उन्नत लेज़र सर्जरी है, जिसमें कॉर्निया (आंख की पारदर्शी परत) के अंदर से एक पतली परत (lenticule) निकाली जाती है। इस परत को निकालने से कॉर्निया का आकार बदलता है और नज़र साफ हो जाती है।

सबसे खास बात यह है कि SMILE सर्जरी में पारंपरिक LASIK की तरह कॉर्निया पर बड़ा flap नहीं बनाया जाता। यानी कोई ब्लेड का इस्तेमाल नहीं होता और आंख की सतह पर केवल 2–3 मिमी का छोटा चीरा ही लगता है। यही कारण है कि इसे “minimally invasive” तकनीक कहा जाता है।

SMILE सर्जरी के मुख्य गुण:

  • बिना फ्लैप के लेज़र द्वारा दृष्टि सुधार
  • कॉर्निया की प्राकृतिक मजबूती बनी रहती है
  • संक्रमण और जटिलताओं की संभावना कम होती है
  • मरीज को तेज़ और सुरक्षित रिकवरी मिलती है

SMILE सर्जरी कैसे काम करती है?

अब सवाल उठता है – यह सर्जरी आखिर होती कैसे है? बहुत से लोग सोचते हैं कि इसमें आंख के अंदर कोई बड़ी प्रक्रिया की जाती होगी, जबकि हकीकत यह है कि यह बेहद आसान और तेज़ प्रक्रिया है।

इसमें एक विशेष प्रकार का लेज़र – फेमटोसेकंड लेज़र – इस्तेमाल किया जाता है। यह लेज़र कॉर्निया के भीतर लेंस जैसी एक पतली लेयर (lenticule) को काटता है। फिर उसी छोटे चीरे से इस लेयर को निकाल दिया जाता है।

प्रक्रिया के चरण:

  1. कॉर्निया की मैपिंग – सबसे पहले आंख की जांच करके कॉर्निया का पूरा नक्शा (topography) तैयार किया जाता है।
  2. लेंटिक्यूल बनाना – फेम्टोसेकंड लेज़र की मदद से कॉर्निया के अंदर एक पतली लेंटिक्यूल बनाई जाती है।
  3. छोटा चीरा लगाना – कॉर्निया की सतह पर केवल 2–3 मिमी का चीरा किया जाता है।
  4. लेंटिक्यूल निकालना – इस चीरे के जरिए पतली लेंटिक्यूल को बाहर निकाल लिया जाता है।
  5. कॉर्निया का नया आकार – लेंटिक्यूल हटते ही कॉर्निया का आकार बदल जाता है और आंख की रोशनी सीधी रेटिना पर पड़ती है।

इस प्रक्रिया में न तो कोई flap बनता है, न ही ब्लेड का उपयोग होता है। यही कारण है कि इसे बेहद सुरक्षित और आधुनिक माना जाता है।

SMILE बनाम LASIK: क्या फर्क है?

बहुत से लोग पूछते हैं कि जब पहले से ही Lasik Surgery मौजूद है तो फिर SMILE सर्जरी की ज़रूरत क्यों पड़ी। इसका जवाब समझने के लिए दोनों प्रक्रियाओं के बीच का अंतर जानना जरूरी है। आईये समझते हैं SMILE बनाम LASIK को:

  • चीरा और फ्लैप – LASIK प्रक्रिया में कॉर्निया पर लगभग 20 मिमी तक का बड़ा फ्लैप बनाया जाता है, जबकि SMILE में केवल 2–3 मिमी का छोटा चीरा लगता है। यानी फ्लैप बनाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।
  • सुरक्षा – LASIK प्रक्रिया के बाद फ्लैप खिसकने या ढीला होने का जोखिम रहता है, जबकि SMILE में यह समस्या नहीं होती क्योंकि फ्लैप ही नहीं बनता।
  • रिकवरी टाइम – LASIK में रिकवरी अच्छी होती है, लेकिन SMILE में और भी तेज़ और आरामदायक होती है।
  • सूखापन की समस्या – LASIK कराने वालों में अक्सर आंखों में सूखापन की शिकायत आती है। SMILE में नसों पर कम असर पड़ता है, इसलिए सूखापन की संभावना बहुत कम रहती है।
  • मजबूती – SMILE सर्जरी के बाद कॉर्निया की मजबूती अधिक बनी रहती है, जिससे लंबे समय तक स्थिर परिणाम मिलते हैं।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि SMILE एक नई पीढ़ी की तकनीक है, जो LASIK की कमियों को दूर करती है और ज्यादा सुरक्षित विकल्प प्रदान करती है।

किन मरीजों के लिए SMILE उपयुक्त है?

हर कोई SMILE सर्जरी नहीं करवा सकता। यह जानना जरूरी है कि किन मरीजों के लिए यह तकनीक सबसे ज्यादा लाभकारी है।

  • 18 वर्ष से ऊपर के लोग – जिनकी दृष्टि का नंबर स्थिर हो चुका है।
  • -1D से -10D तक मायोपिया वाले लोग – SMILE मुख्य रूप से नज़दीक का कमज़ोर दिखने (मायोपिया) को ठीक करने के लिए बनाई गई है।
  • जिन्हें LASIK में डर लगता है – खासकर फ्लैप कटने या ब्लेड के इस्तेमाल को लेकर।
  • पतली कॉर्निया वाले लोग – कई बार LASIK के लिए कॉर्निया पर्याप्त मोटी नहीं होती, ऐसे मामलों में SMILE ज्यादा सुरक्षित होती है।
  • सक्रिय जीवनशैली वाले लोग – खिलाड़ी, डांसर्स, या सक्रिय जीवनशैली वाले जिनकी आंख पर चोट लगने की संभावना रहती है।

ध्यान रहे, अगर किसी व्यक्ति को गंभीर ग्लूकोमा के लक्षण, रेटिनल डिटैचमेंट का खतरा या कॉर्निया में अन्य बीमारियां हैं, तो SMILE सर्जरी उपयुक्त नहीं होती। ऐसे मरीजों को डॉक्टर की सलाह के आधार पर अन्य विकल्प चुनने पड़ते हैं।

SMILE सर्जरी की प्रक्रिया और रिकवरी

अब सबसे अहम सवाल, अगर आप SMILE सर्जरी करवाते हैं तो पूरा अनुभव कैसा रहेगा? आइए इसे स्टेप-बाई-स्टेप समझते हैं।

सर्जरी से पहले:

  • डॉक्टर सबसे पहले आंखों की पूरी जांच करते हैं। इसमें कॉर्निया की मोटाई, टोपोग्राफी, रेटिना स्कैनिंग और पावर का स्थिर होना शामिल है।
  • अगर सबकुछ सामान्य पाया जाता है तो मरीज को सर्जरी के लिए फिट घोषित किया जाता है।

सर्जरी के दौरान:

  • आंख में सुन्न करने वाली बूंदें (एनेस्थेटिक ड्रॉप्स) डाली जाती हैं ताकि कोई दर्द न हो।
  • फेम्टोसेकंड लेज़र से कॉर्निया के अंदर लेंटिक्यूल बनाया जाता है।
  • फिर कॉर्निया की सतह पर 2–3 मिमी का छोटा चीरा देकर उस लेंटिक्यूल को बाहर निकाला जाता है।
  • सर्जरी सिर्फ 10–15 मिनट में पूरा हो जाता है और इसमें कोई टांका लगाने की ज़रूरत नहीं होती।

सर्जरी के बाद:

  • शुरुआती कुछ घंटों में हल्की जलन, चुभन या आंसू आ सकते हैं, लेकिन यह सामान्य है।
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई आंखों की दवाएं और आई ड्रॉप्स समय पर इस्तेमाल करना जरूरी है।
  • पहले 24–48 घंटे में आंखों को आराम देना और तेज़ रोशनी या स्क्रीन से बचना चाहिए।
  • ज़्यादातर मरीज अगले ही दिन सामान्य कामकाज कर लेते हैं।

रिकवरी:

  • SMILE की रिकवरी LASIK से भी तेज़ होती है।
  • मरीज को 2–3 दिन के भीतर आराम महसूस होने लगता है और एक हफ्ते में दृष्टि लगभग स्थिर हो जाती है।
  • खेलकूद, तैराकी और धूल-धुएं वाले वातावरण से शुरुआती कुछ हफ्तों तक बचना चाहिए।
  • नियमित फॉलो-अप विज़िट ज़रूरी है ताकि डॉक्टर आंख की स्थिति पर निगरानी रख सकें।

निष्कर्ष

SMILE सर्जरी को आज दुनिया की सबसे आधुनिक और सुरक्षित लेज़र आई सर्जरी में से एक माना जाता है। यह बिना फ्लैप, बिना ब्लेड और छोटे चीरे वाली तकनीक है, जिससे संक्रमण और जटिलताओं का खतरा बहुत कम हो जाता है। जिन लोगों को LASIK से डर लगता था, उनके लिए SMILE एक भरोसेमंद विकल्प है। सही फैसला तभी लिया जा सकता है जब आप विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर पूरी जांच करवाएं।

FAQ

क्या SMILE पूरी तरह सुरक्षित है?

क्या SMILE में दर्द होता है?

रिकवरी में कितना समय लगता है?

क्या SMILE हर किसी के लिए उपयुक्त है?

क्या SMILE के बाद चश्मा दोबारा लग सकता है?

क्या SMILE और LASIK दोनों एक जैसे हैं?

SMILE सर्जरी

स्माइल सर्जरी (SMILE): चश्मा हटाने की नवीनतम और सुरक्षित तकनीक