भारत की नेत्र-चिकित्सा प्रणाली में इनोवेशन और किफायती समाधान की जरुरत : डॉ. सचदेव

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India’s premier ophthalmology conference to bring global experts together for two days of innovation, hands-on learning, and next-generation surgical insights

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इन्ट्राऑक्यूलर इम्प्लांट एंड रिफ्रैक्टिव सोसाइटी ऑफ इंडिया (आईआईआरएसआई) के साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉ. (प्रो.) महिपाल सचदेव ने कहा कि भारत की नेत्र-चिकित्सा प्रणाली में इनोवेशन और किफायती समाधान की जरुरत है। उन्होंने यह बात 22–23 नवंबर 2025 को यशोभूमि इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होने जा रहे वार्षिक सम्मेलन IIRSI 2025 के ऐलान के मौके पर कही। डॉ. सचदेव ने बताया कि यह दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह द्वारा उद्घाटित किया जाएगा।

प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि “1982 से IIRSI ने वैज्ञानिक उत्कृष्टता की अपनी विरासत को निरंतर आगे बढ़ाया है। इस सम्मेलन की संरचना केवल लेक्चर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें डिफर्ड सर्जरी, वेट-लैब, इंस्ट्रक्शन कोर्स और हैंड्स-ऑन सेशन भी शामिल हैं, ताकि प्रतिभागियों को ऐसा व्यावहारिक अनुभव मिले जिसे वे अपनी रोज़मर्रा की क्लीनिकल प्रैक्टिस में तुरंत लागू कर सकें। भारत की हाई वॉल्यूम वाली नेत्र-चिकित्सा प्रणाली में नवाचार और किफायती समाधान दोनों की आवश्यकता है, और IIRSI भारतीय जरूरतों के अनुरूप तकनीकों और कौशल से सर्जनों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

वैश्विक विशेषज्ञता एक ही मंच पर

इस मौके पर IIRSI के प्रेसिडेंट-इलेक्ट डॉ. जे.के.एस. परिहार ने कहा, “IIRSI 2025 नेत्र-चिकित्सा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहाँ अनुभव, नवाचार और वैश्विक विशेषज्ञता एक ही मंच पर एकत्रित होंगे। हमारा उद्देश्य हर नेत्र सर्जन को नवीनतम ज्ञान, तकनीकों और व्यावहारिक कौशल से सशक्त बनाना है, जिससे पूरे देश में मरीजों के परिणाम बेहतर हो सकें। यह सम्मेलन IIRSI द्वारा दशकों से स्थापित वैज्ञानिक संस्कृति को और मजबूत करेगा।”

IIRSI 2025 आम जनता को भी यह समझने का अवसर देगा कि भारत में नेत्र-चिकित्सा किस गति से आगे बढ़ रही है और नई तकनीकें किस प्रकार सुरक्षा, प्रिसिशन और विज़ुअल आउटकम्स को बेहतर बना रही हैं। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. रितिका सचदेव ने कहा, “IIRSI 2025 को एक गतिशील और immersive लर्निंग अनुभव के रूप में डिजाइन किया गया है, जो पारंपरिक वैज्ञानिक बैठकों से कहीं आगे जाता है। हैंड्स-ऑन सेशन, वेट लैब, डिफर्ड-लाइव सर्जरी और प्रमुख फैकल्टी के साथ निकट संवाद से प्रतिभागियों को ऐसा वास्तविक अनुभव मिलेगा जिसे वे तुरंत अपनी प्रैक्टिस में लागू कर सकें। हमारा उद्देश्य एक ऐसा वातावरण तैयार करना है जो सीखने, सहयोग और भविष्य-दृष्टि को प्रेरित करे।”

इम्प्लांट सर्जरी के लिए तैयारी का संकल्प

इस वर्ष सम्मेलन की थीम “Hindsight. Insight. Foresight.” रखी गई है, जो बीते अनुभवों से सीख, वर्तमान क्लीनिकल उत्कृष्टता को सुदृढ़ करने और भविष्य की कैटरैक्ट, रिफ्रैक्टिव और इम्प्लांट सर्जरी के लिए तैयारी के संकल्प को दर्शाती है। यह आयोजन नेत्ररोग विशेषज्ञों के लिए ज्ञान-विनिमय, नवाचारों के अन्वेषण और अगली पीढ़ी की तकनीकों के व्यावहारिक अनुभव का एक व्यापक वैज्ञानिक मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित कैटरैक्ट, रिफ्रैक्टिव, कॉर्निया और ऐन्टीरियर सेगमेंट सर्जनों की भागीदारी होगी। 700 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे ज्ञान-साझा, अंतःविषय चर्चाएँ और आधुनिक नेत्र-विज्ञान की वैश्विक प्रवृत्तियों से परिचय और समृद्ध होगा। कार्यक्रम में एडवांस्ड इंट्राऑक्यूलर लेंस, फेम्टो-असिस्टेड कैटरैक्ट सर्जरी, SMILE और लेंटिक्यूल प्रक्रियाएँ, कॉर्नियल डायग्नॉस्टिक्स, क्रॉस-लिंकिंग, मायोपिया नियंत्रण तकनीकें और प्रिस्बायोपिया समाधान जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होंगे।

Source: https://www.navodayatimes.in/, https://aimamedia.org/, https://www.mediaedge7.com/, https://www.story-today.in/

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