Prayagraj: : भारत के प्रमुख सुपर स्पेशियलिटी आई केयर नेटवर्क सेंटर फॉर साइट ने आज आधिकारिक रूप से प्रयागराज में अपने अत्याधुनिक अस्पताल की शुरुआत की। इस विस्तार के साथ प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को अब मेट्रो शहरों की यात्रा किए बिना उत्रत और विश्वस्तरीय नेत्र विकित्सा सेवाएं उपलब्ध होगी। यह नया केंद्र सेंटर फॉर साइट की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके तहत वह देश के कोने-कोने में किफायती और सुलभ आई केपर की सुनिहित करना चाहता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां विशेषज्ञ सेवाओं की कमी है।
उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई व निवेश प्रोल्लाहन मंत्री) ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। प्रयागराज के एम. डी. आई हॉस्पिटल के पूर्व निदेशक प्रोफेसर (डॉ) आर. एन. मिश्रा, इस अवसर पर विशिष्ट अतिधि रहे।
इस अवसर पर नंद गोपाल गुप्ता ने सेंटर फॉर साइट की आधुनिक तकनीक, उच्च स्तरीय शल्प किया और अनुभवी चिकिलाकों की टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सुविधा प्रयागराज और आसपास के जिलों के लिए गुणवत्तापूर्ण और भरोसेमंद नेत्र चिकित्सा सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
प्रोफेसर (डॉ.) आर. एन. मिश्रा ने कहा कि इस तरह की विशेषज्ञ संस्था की उपलब्धता से पूर्वी उत्तर प्रदेश के उन मरीजों को विशेष लाभ मिलेगा जिन्हें जटिल नेत्र रोगों के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
पह अत्याधुनिक अस्पतात एक ही छत के नीचे व्यापक नेत्र देखभात सेवाएं प्रदान करता है। यहां माइको इंसीजन फेको इमल्सिफिकेशन तकनीक से मोतियाबिंद की उन्नत सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, जिसमे ट्राईफोकल, मल्टीफोकल, टोरिक और ईडीओएफ जैसे प्रीमियम इन्ट्राकुलर लेस लगाए जाते हैं। यह न केवल दृष्टि को पुनस्र्धापित करता है, बल्कि निकट, मध्य और दूर सभी दूरी पर स्पष्ट और उच्च गुणवत्ता वाली इटि सुनिक्षित करता है।
गौरतलब हो कि विशेष रूप से, यह प्रयागराज केंद्र पूर्वी उत्तर प्रदेश के उन गिने-चुने अस्पतालों में से है जहां विट्रीयो-रेटिनत देखभाल उपलब्ध है। यहां डायबिटिक रेटिनोपैथी, रेटिनल डिटैचमेंट, और एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (एआरएमडी) जैसी जटित स्थितियों का विशेषज्ञ इत्ताज किया जाता है। केंद्र में ऑक्ट, फंडस फोटोग्राफी और एडवांस लेजर सिस्टम्स जैसे उपकरण मौजूद हैं जो रेटिना रोगों के प्रभावी प्रबंधन में मदद करते हैं।
इस अस्पतात की एक बड़ी विशेषता यह है कि प्रयागराज में पहली बार अत्याधुनिक लासिक तकनीक की शुरुआत की गई है। यह एक लोकप्रिए, सुरक्षित और तेज़ प्रक्रिया है जो लोगों को चरने से स्थायी रूप से मुक्ति दिलाती है। सेंटर फॉर साइट के लासिक 6666 प्लेटफॉर्म के माध्यम से अब प्रयागराज के मरीजों को मेट्रो शहरों जाए बिना ही उच्चतम स्तर की दृष्टि सुधार सेवा उपलब्ध होगी।
इसके अलावा, यह केंद्र ग्लूकोमा की विशेषज्ञ जांच व उपचार, कॉर्नियल रोगों (जैसे केराटोकोनस) और बच्चों में प्रारंभिक दृष्टि समस्याओं व भेंगापन के इलाज जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है। यह सुविधा वपस्कों और बच्चों दोनों के लिए रोगी-केंद्रित व व्यक्तिगत देखभाल सुनिश्चित करती है।
सेंटर फॉर साइट के चेयरमैन एवं मेडिकल डायरेक्टर पद्मश्री डॉ. महिपात एस. सचदेव ने इस अवसर पर कहा, ‘भारत विश्व की दृष्टिहीन आबादी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा रखता है। हमारा लक्ष्य है कि हर भारतीय को स्थान की परवाह किए बिना विशेषज्ञ, तकनीक आधारित नेत्र देखभाल मिले। मायोपिया, डापबिटिक नेत्र रोगों और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए, समय पर रोकथाम बेहद
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