कंजक्टिवाइटिस, जिसे आम भाषा में “पिंक आई” या “आंख आना” कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन असहज नेत्र विकार है। यह स्थिति प्रायः मौसम परिवर्तन के दौरान या संक्रमण के संपर्क में आने पर विकसित हो सकती है।
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं – जैसे आंखों में हल्की जलन, खुजली या पानी आना – जिन्हें कई बार नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, परंतु यही लक्षण धीरे-धीरे अधिक परेशानी का कारण बन सकते हैं।
कई बार यह समस्या कार्यालय में बैठने के दौरान अचानक आंखों की लालिमा से सामने आती है, तो कभी विद्यालयों में बच्चों के बीच तेजी से फैलती है। कुछ मामलों में, मामूली सामाजिक संपर्क, जैसे कि संक्रमित व्यक्ति के उपयोग किए गए तौलिये या बर्तन से भी संक्रमण हो सकता है।
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे हल्के में लेना उपयुक्त नहीं है – समय पर पहचान, सावधानी और आँख आना का इलाज जानना आवश्यक होता है।
कंजक्टिवाइटिस क्या है?
हमारी आंखों की सबसे बाहरी पारदर्शी परत – जिसे कंजंक्टाइवा कहते हैं – जब सूजन से प्रभावित होती है, तो उसे कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है। इस स्थिति में आंखें न केवल लाल दिखती हैं, बल्कि उनमें लगातार पानी आना, जलन या चुभन की शिकायत भी होने लगती है।
पिंक आई के कारण
कई तरह के कारण इस स्थिति को जन्म दे सकते हैं। जैसे कि वायरस से हुआ संक्रमण, बैक्टीरियल इनफेक्शन, मौसमी एलर्जी, धूल-मिट्टी या केमिकल्स से संपर्क। कई बार कॉन्टेक्ट लेंस को बिना साफ किए इस्तेमाल करना भी जोखिम पैदा करता है।
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे उभर सकते हैं या अचानक भी प्रकट हो सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- आंखों की लालिमा और सूजन
- लगातार पानी आना या गाढ़ा स्राव
- तेज़ रोशनी में देखने में कठिनाई
- जलन या आंख में रेत-सा अनुभव
- पलकों का चिपक जाना (विशेषकर सुबह)
ये संकेत जितनी जल्दी पहचाने जाएं, उतना बेहतर रहता है।
आँख आना का इलाज
इलाज की दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि संक्रमण किस प्रकार का है। यदि कारण वायरल है, तो कुछ दिनों में यह अपने आप ठीक हो सकता है – बशर्ते कि आप आंखों की सफाई और आराम का ध्यान रखें।
बैक्टीरियल संक्रमण में डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स या मरहम देते हैं। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में एंटीहिस्टामाइन मददगार होते हैं। लेकिन याद रखें – आंखों में बिना परामर्श कोई दवा न डालें।
कंजक्टिवाइटिस घरेलू उपचार
कुछ आसान घरेलू उपाय इस स्थिति में राहत दे सकते हैं:
- आंखों पर ठंडी पट्टी रखें – सूजन कम होगी
- उबले हुए पानी से आंखें साफ करें – संक्रमण कम फैलता है
- अलग तौलिया और तकिया इस्तेमाल करें – परिवार को संक्रमण से बचाएं
- आंखों को बार-बार न छुएं – बैक्टीरिया फैलने का खतरा रहता है
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण जैसे आंखों में जलन, पानी आना, चुभन और लालिमा – इन उपायों से कुछ हद तक नियंत्रित हो सकते हैं।
हालांकि ये कंजक्टिवाइटिस घरेलू उपचार सहायक हो सकते हैं, लेकिन यदि लक्षण दो दिन से ज़्यादा रहें या बिगड़ते जाएं, तो डॉक्टर की सलाह ज़रूरी हो जाती है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर आपकी आंखों में तेज़ दर्द हो, रोशनी सहन न हो रही हो, या नजर धुंधली होने लगे, तो समय गंवाना खतरनाक हो सकता है। पिंक आई के कारण वायरस, बैक्टीरिया, या एलर्जी भी हो सकते हैं – और हर स्थिति में अलग इलाज ज़रूरी होता है।विशेषकर बच्चों और बुज़ुर्गों में कंजक्टिवाइटिस जल्दी फैलता है और तेज़ी से बढ़ता है। इसलिए सतर्कता ही बचाव है।
निष्कर्ष
कंजक्टिवाइटिस एक आम लेकिन गंभीरता लेने योग्य स्थिति है। समय रहते पहचाना गया, तो यह आसानी से ठीक हो जाता है।
आँखों की देखभाल सिर्फ इलाज से नहीं, बल्कि समझदारी और सावधानी से भी जुड़ी होती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
वायरल कंजक्टिवाइटिस 7-10 दिन में ठीक हो जाता है, और बैक्टीरियल आमतौर पर 3-5 दिनों में एंटीबायोटिक से ठीक हो सकता है। यह कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों पर निर्भर करता है।
हां, वायरल और बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस संक्रामक होते हैं और पिंक आई के कारण संक्रमण फैल चुका है और आगे भी फैल सकता है।
बिल्कुल नहीं। अधिकांश कंजक्टिवाइटिस में कॉन्टैक्ट लेंस न पहनें क्योंकि इससे आंख आना का इलाज प्रभावित होता है।
हाथ धोते रहें, आंखें न छुएं, और व्यक्तिगत वस्तुएं साझा न करें, जिससे कंजक्टिवाइटिस के लक्षण कम हो सकेंगे।
हल्की जलन में आराम पाने के लिए गुलाब जल या ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जाता है। ये कंजक्टिवाइटिस के घरेलू उपचार के आम नुस्खे हैं।
जलन और सूजन के रूप में हल्के घरेलू उपचार काम आते हैं। यदि आँखों में जलन और लालिमा का उपचार समय पर न किया गया, तो चिकित्सा आवश्यक हो जाएगी।
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